
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से संचालित योजनाओं की समीक्षा के लिए मंगलवार को राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता विभागीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने किया। सिंचाई भवन स्थित

अधिवेशन भवन के मुख्य सभागार में आयोजित हुयी इस बैठक में सभी जिलों के उप विकास आयुक्त, जिला परियोजना पदाधिकारी(जीविका), लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के जिला समन्वयक, मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ मुख्यालय स्तर के सभी

पदाधिकारी मौजूद रहे। दूसरे जिलों के अन्यपदाधिकारी भी इस बैठक में विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े। माननीयमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं को और अधिक प्रभावी तथा संवेदनशील तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सिंचाई भवन के अधिवेशन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत 100 दिनों के रोजगार की गारंटी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसका समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि श्रमिकों को 15 दिनों के भीतर रोजगार उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया जाए।

बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास ग्रामीण योजना, मनरेगा, जीविका, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान तथा जल-जीवन-हरियाली जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत पात्र लाभुकों को समय पर आवास उपलब्ध कराने, निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और लंबित आवासों को शीघ्र पूरा करवाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिये गये।

माननीय मंत्री ने जीविका योजना की सराहना करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में बिहार देश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस पहल की गई है। उन्होंने बताया कि पात्र महिलाओं को 10हजार रुपये की सहायता राशि तथा रोजगार की समीक्षा के बाद अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी।
ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में सरकार की पहल का उल्लेख करते हुएमाननीय मंत्री ने कहा कि स्वच्छता कर्मियों को साल में एकमुश्त मानदेय देने का निर्णय स्वागत योग्य है और इसे सुचारू रूप से लागू करने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर आवश्यक समन्वय किया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बन रहे भवनों में प्रखंड स्तर के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी एक ही परिसर में बैठकर कार्य करेंगे, जिससे कार्यों में समन्वय और गति आएगी।
माननीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएँ सीधे तौर पर करोड़ों ग्रामीण परिवारों के जीवन को प्रभावित करती हैं, इसलिए इनकी निगरानी, पारदर्शिता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्यक्रमों में जन भागीदारी और सामाजिक जवाबदेही को बढ़ावा दिया जाए।
विभागीय सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखने का अनुरोध किया। बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका श्री हिमांशु शर्मा, मनरेगा आयुक्त-सह-जीविका ए.सी.ई.ओ. श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा, जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक श्री सुमित कुमार एवं अन्य संबंधित योजनाओं के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
